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चुम्मा या Hickey वाली मौत

भरद्वाज विमान
भरद्वाज विमान
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चुम्मा
भारत में और भारत के सभी सांप्रदायिक धार्मिक सामाजिक हलके में बहुत ही बोल्ड वल्गर माना जाता रहा है
अभी कुछ दिनों पहले एक समाचार बड़ी सुर्खियों में था की एक मैक्सिकन जोड़े की मौत ” चुम्मे ” (Hickey) से हो गयी। वइसे इस तरह की मौत में भी विज्ञान का अलग तर्क है जिसे जानने बाद मेरी भी रूह फ़ना हो गयी अब तो डर कुछ यू लगता है की दो चार घंटे से ज्यादा आँख खुली रखने पर भी मौत हो जायेगी।

मेरे एक मित्र ने इसकी डाक्टरी गूढ़ता के बारे में बताया आपको भी hickey के बारे बता ही देता हूँ यह ज्यादा आवेशपूर्ण उत्साही ढंग से मने passionate चुम्मा चाटी हो या कीसिंग हो या smooching कभी कभी कभार हो जाती हो तब हाई हिट ब्लड सर्विंग के कारन खोपड़े में ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है और ऐसे मामले में अक्सर महिलाएं ही शिकार हो जाती है लेकिन इस मैक्सिकन जोड़े कांड में पुरुष को हुआ और उसके भेजे में ब्लड का थक्का जम गया और वो जन्नत को रसीद हो गया. जिसमे मुख्य कारन पारिस्थितकीय वातावरणीय परिवर्तन से मानवीय इम्यून सिस्टम में चेंजेस होना है

इसीलिए कभी भी नवजात बच्चों का चुम्बन से भी परहेज करना चाहिए । क्योंकि बहुत से वायरस बैक्टीरिया बच्चों के मुँह में चले जाते हैं नवजात का इम्यून सिस्टम नया और कमजोर होता है जो उसको बहुत बीमार और यहाँ तक की जान भी ले सकता है सो Hickeys से बचे ।
साला क्या जमाना आज्ञा है
अब किसिंग से भी मौत !
वैसे भारतीय समाज रोमैंस या प्रेम प्रणय के मामले में अपने सामाजिक जीवन के नायकों से प्रभावित रहा है पहले ज़माने में राजे रजवाड़े, सैनिक, सेनापति, योद्धा उसके बाद किताबी नायक रहे फिर फिल्मों का दौर आया तो फ़िल्मी एक्टर नायक बनने लगे
खैर बात चुम्मा की है

चुम्मा के कई प्रकार होते है जैसे चूमना, चुम्मा चाटी, किस, चाटना, हवाई चुम्मा, पावं का चुम्मा, हाथ को चूमना, तलवे को चूमना चाटना आदि

हर चुम्मे में अलंकार व् रस की अलग अलग अनुभूति और अभिव्यक्ति होती है चूमने वाला या चुम्मा मांगने वाला किस भाव या रस की अनुभूति करता है और चुम्मा प्राप्त करने वाला किस तरह का आचरण व्यक्त करेगा और चुम्मा चाटी को देखने वाला कैसे प्रतिक्रिया करेगा यह ईश्वर भी अनुमान नहीं लगा सकता होगा शायद

वैसे फिल्मों चुम्मे की डिमांड करने वालों में सबसे पहला नाम मशहूर अभिनेता राजकुमार का आता है उन्हों ने अपनी नायिका से राग मदिरा में सांकेतिक रूप में कहा की- छू लेने दो नाजुक होठों को,………… यह उस ज़माने की बात है जब फ़िल्मी परदे पर भी नायक लोग नायिका को छूना तो दूर नायिका का गिरा हुआ रुमाल तक टच करने की हिमाकत नहीं करते थे
हंगामा तो खूब हुआ लेकिन सबने यह मान लिया की चलो दारु पिए हुए है औंकंशैस अवस्था में ऐसा हो जाता है

फिर बीसियों साल तक किसी ने चुम्मा मांगने की हिम्मत हिमाकत न की

लेकिन नब्बे के दशक में महानायक अमिताभ ने फिर हिम्मत की और अपनी नायिका से खुल्लम खुल्ला चुम्मा की डिमांड कर डाला- झुम्मा चुम्मा चुम्मा दे दे

इस बार तो देश विदेश सब जगह इस गाने धूम रही लेकिन बवाल भी काटा गया हंगामा भी हुआ, खैर महानायक के कद के आगे चुम्मे की डिमांड की बात दब गई
लेकिन यह बदलाव का दौर था भारत में एक नयी युवा पीढ़ी तैयार होने को थी

सो चुम्मे की स्वीकार्यता बहुत ही सिमित स्तर पर किन्तु बढ़ी जरूर, किन्तु चुम्मा एक बहुत ही संवेदनशील मामला है और इसकी डिमांड या आपूर्ति का सार्वजानिक प्रदर्शन अमूमन लोगो को खतरे में डाल देता रहा है लेकिन लोगो ने चोरी छुपे चुम्मे का आदान प्रदान आरम्भ कर दिया था आपने फिल्म महानायक का अनुसरण करते हुए

वैसे चुम्मा चाटी की डिमांड के लिए अमिताभ जैसा कद होना बहुत ही आवश्यक हो गया था फिल्में तो समाज का आईना होती है सो फिल्म समाज को प्रभावित करती है और समाज से प्रभावित हो कर फिल्में बनती है सो राजनितिक वर्ग भी धीरे धीरे फिल्मों से प्रभावित होने लगा फ़िल्मी लोगो का राजनितिक गलियारों में दखल धीरे धीरे होने लगा लेकिन चुम्मे की डिमांड का वाकया बहुत ही छोटे पेज थ्री हाई सोसाइटी के ढके छुपे राजनितिक कार्यकर्ता स्तर तक ही सुनने को मिलता था

अमिताभ के चुम्मा डिमांड के कोई डेढ़ दशक बाद उनसे लम्बाई में छोटे किन्तु अमिताभ जैसे महानायक के कद छूते नजर आते गोविंदा ने अपनी नायिका से चुम्मे को उधारी में मांगने का सफल प्रयास किया – एक चुम्मा तू मुझको उधार दैदे और बदले में …………

अब इस दौरान भारत आधुनिकता और ग्लोबलाइजेशन के दौर से गुज़र रहा था सो इस टाइप वाले चुम्मा के लिए इतना विरोध नहीं हुआ, बहुत लोग मने राजनीति से जुड़े लोग इस उधारी वाले चुम्मे से बेहद प्रभावित हुए और अमल करने के प्रयास भी दिखने थे क्योंकी इस डिमांड को पूरा करने से सीधे राज्यों के मालिकाने के हक़ देने की बात थी अर्थात चुम्मा दें और राज्यों के मंत्री अधिकारी बनने का सीधा आफर था अब इस में क्या छुपाना बहुतेरे तस्वीरें सभी ने मंत्रियो अधिकारीयों की पेज थ्री व् इससे इतर की पार्टियों की देखे होंगे जिसमे लोग चूमते गलबहियां करते दिखें होंगे।

ये सब चलता रहा लेकिन फिर डेढ़ दसक तक किसी ने चुम्मे की डिमांड करने का साहस नहीं किया क्योंकी अभी भी महानायक के जैसे कद के वाले के पास ही ऐसी हिम्मत हो सकती थी

सो सुपर स्टारी का दौर चलने लगा था और इसमें सबसे बड़ा नाम सलमान का था सो उन्होंने आजमाया और चुम्मे की डिमांड कुछ अमिताभ वाली स्टाइल से मिलते जुलते लेकिन चुम्मे के कहर को बयान करते हुए कहा की – चुम्मे की बात है जुम्मे की रात है …… बचाए तेरे वॉर से…..

सलमान के इस डिमांड से लगभग भारतीय समाज का हर तबका थोड़ाबहुत प्रभावित हुआ

लेकिन कुछ विशेषता प्राप्त राजनितज्ञ तो किसी से प्रभावित होने की चरमसिमा तक लाँघ गए पहले यदा कदा कुछ मंत्रियों नेताओं के पेज थ्री पार्टियोंके चुम्मे वगैरह के फोटो दीखते थे वो भी हम उम्र लोगों के साथ वो भी रातोंमें लेकिन अब मामला बहुत आगे जा चुका था वीडियो ऑडियो स्टिंग नजाने क्या क्या कैसे कैसे तरह या हर तरह के दिन दहाड़े में चूमने चाटने के की तस्वीरें आने लगी राजनीतिज्ञों की वो भी उच्च संवैधानिक पदासीन राजनेताओं के फिल्मे वीडियो,लेकिन इन राजनेताओं को कुछ नहीं होता।

और भारतीय जनता अपने आदर्शवादी नेताओं के कर्मकांडो को देख कर आश्चर्य मिश्रित सुल्फियाने प्रसन्नता और स्वप्न शाही वाह वाही में मस्त।

वैसे 22वी सदी में लड़कियों/लड़को की एक गंभीर समस्या सॉल्व हो जाने वाली है । क्योंकि मात्र घूरने से मौत हो जायेगी

वो ऐसे कि वातावरण व् इम्यून सिस्टम में परिवर्तन के कारन जैसे ही आप किसी लड़की को घूरेंगे या कोई लड़की किसी लड़के को देखेगी एक cyctratnm नाम के वायरस का अटैक होगा और वहीँ तत्काल इन्फेक्टेड बस तुरंत
चारो खाने चित ।

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